UPS Full Form In Hindi UPS क्या होता है?

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दोस्तों अगर आप UPS का Full Form ढूंढ रहे है तो आप सही Webpage पर आये है। इस लेख के जरिये हम आपको बताने वाले है UPS Full Form In Hindi, UPS क्या होता है और कैसे काम करता है तथा UPS से जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी। अगर आपने कभी Computer का उपयोग किया है तो आप UPS से भलीभांति परिचित होंगे। अगर आपको नहीं पता है की UPS क्या है तो यूपीएस के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए आप इस लेख को पढ सकते है।

UPS Full Form In Hindi

UPS क्या है इसको जाने से पहले हम UPS Full Form In Hindi के बारे में जान लेते है क्यूंकि बहुत सी बाते नाम से ही प्रदर्शित हो जाती है। दोस्तों UPS की Full Form है “UPS- Uninterruptible Power Supply” और अगर हम हिंदी में बात करे तो UPS Full Form in Hindi – अबाधित विद्युत आपूर्ति है|

दोस्तों हमे Computer चलाने के लिए निरंतर Power Supply की जरूरत होती है। अगर Power Supply Cut लग जाये तो हमारा कंप्यूटर बंध हो जायेगा, काम करना बंध कर देगा जिस से हमारा Data Loss होने का खतरा रहता है। निरंतर Power Supply के लिए हमे एक Device की जरूरत होती है जिसको हम UPS के नाम से जानते है। जैसा की UPS Full Form In Hindi है “अबाधित विद्युत आपूर्ति” यानी की एक ऐसी मशीन जो बिना किसी बाधा के विद्युत् की आपूर्ति करवाती है।

UPS क्या है?

UPS एक ऐसी मशीन है जो Computer या अन्य किसी इलेक्ट्रिक उपकरण को Power Supply Cut हो जाने के बाद भी चालू रखती है ताकि हम अपने काम को बिना किसी बाधा के जारी रख सके। अगर हम कंप्यूटर पे काम कर रहे है और अचानक से Power Supply Cut लग जाता है तो हमारा कंप्यूटर बंध हो जायेगा जिस से हमारा Data Loss हो सकता है या Operating System भी बिगड़ सकता है। UPS में एक बैटरी लगी होती है जो Power को जारी रखने के लिए बैकअप देती है। UPS का बैकअप उसकी बैटरी के साइज पर निर्धारित करता है और मार्किट में विभिन प्रकार के UPS उपलब्ध है। अगर हम सीधे शब्दो में बात करे तो UPS एक बैटरी के साथ इन्वर्टर है जो किसी भी इलेक्ट्रिक उपकरण जैसे की कंप्यूटर, सर्वर इत्यादि को पावर सप्लाई बैकअप और सर्ज प्रोटेक्शन प्रदान कराने के लिए उपयोग में लाया जाता है। UPS के कौन-कौन से भाग होते है, उनका क्या-क्या काम है और UPS कैसे काम करता है, इन सब सवालो की जानकारी आपको निचे इसी लेख में दी गई है।

UPS क्यों जरूरी है?

UPS भले ही पावर सप्लाई के कट हो जाने पर अल्पकालिक बिजली प्रदान करता है लेकिन UPS अधिकांश बिजली की समस्याओं को ठीक करने में सक्षम है। UPS कैसे काम करता है उसको जानने से पहले हमे इस बात का पता होना चाहिए की आख़िरकार UPS जरूरी क्यों है।

  • डेटा की हानि को रोकना: जैसा की हम पहले भी जिक्र कर चुके है की UPS हमारे Devices जैसे की कंप्यूटर, सर्वर इत्यादि को निरंतर Power Supply प्रदान करवाता है। अगर Power Supply बिच में बाधित हो जाये तो हमारा Device बंध हो जायेगा जिस से Data Loss की समस्या सामने आती है। अतः UPS डाटा की हानि को रोकने में मदद करता है।
  • पावर सर्ज या स्पाइक से बचाव- Voltage में तेजी से वृद्धि को पावर सर्ज या पावर स्पाइक के नाम से जाना जाता है। जब किसी सर्किट में Voltage एकदम से वृद्धि करती है तो वह स्पाइक एक ही बिजली लाइन पर जुड़े अन्य बड़े उपकरणों को खराब कर सकता है। लेकिन UPS के इस्तेमाल से इस समस्या सा बचाव किया जा सकता है।
  • पावर सैग- एक पावर सैग Input Voltage में एक क्षणिक या निरंतर कमी को परिभाषित करता है। जब किसी Device को उचित बिजली की आपूर्ति मिलती है तभी वो सही ढंग से काम कर पाता है। इसलिए UPS का इस्तेमाल जरूरी है ताकि हम पावर सैग से आने वाली समस्या से बच सके।

UPS के भाग (Parts Of UPS)

UPS कैसे काम करता है, इस बात को हम तब ही समझ सकते है जब हमे पता हो की UPS के कौन-कौन से भाग है और उनका क्या क्या काम है। UPS के निम्नलिखित 3 भाग है और उनका क्या कार्य है उनक विवरण निचे दिया गया है।

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Parts Of A UPS

रेक्टिफायर / चार्जर ब्लॉक (Rectifier/Charging Block)- हालांकि रेक्टिफायर / चार्जर ब्लॉक एक UPS के अलग अलग भाग होते है लेकिन UPS को समझने के लिए मैंने इन् दोनों को साथ में इसलिए रखा है की आपको आसानी से समझ आ जाये। एक रेक्टिफिरे Main Power Supply से AC (Alternating Current) को लेता है और इसको DC (Direct Current) में परिवर्तित कर देता है जो UPS की बैटरी को चार्ज करने के काम आती है। जब बिजली की आपूर्ति बंध हो जाती है या पावर सप्लाई ज्यादा या कम हो जाती है (आमतौर पर + 10% से -20% सामान्य) तो चार्जर काम करना बंध कर देता है और बैटरी से इलेक्ट्रिक उपकरण को पावर सप्लाई करता है।

बैटरी (Battery)- दोस्तों बैटरी के कार्य से तो आप पहले ही परिचित है। बैटरी बैकअप के लिए उपयोग की जाती है जब Power Supply Cut लग जाता है। अधिकांश यूपीएस में Lead-Acid बैटरी का उपयोग किया जाता है।

इन्वर्टर (Inverter)- इन्वर्टर UPS का अभिन्न अंग है। बैटरी को चार्ज करने के लिए DC (Direct Current) की जरूरत होती है लेकिन इलेक्ट्रिक उपकरण AC (Alternating Current) पे काम करते है तो DC को AC में परिवर्तित करने के लिए हमे एक इन्वर्टर की जरूरत पड़ती है। जब एक UPS बैटरी से बैकअप देता है तो इन्वर्टर बैटरी के DC को AC में परिवर्तित करके इलेक्ट्रिक उपकरण को चालू रखता है।

UPS कैसे काम करता है?

सामान्य स्थिति में UPS जो पावर सप्लाई इलेक्ट्रिक उपकरणों को देता है वह रेक्टिफिएर/ चार्जर और इन्वर्टर से होकर जाती है जिसमे Double Conversion होता है (AC to DC to AC)। जब Main Power Supply की आपूर्ति बंध हो जाती है यूपीएस की बैटरी बैकअप देती है। Power Supply में किसी प्रकार की बाधा (Interruption) ना आये उसके लिए एक स्विच होता है जिसको Static Switch के नाम से जानते है। और बैटरी के DC को AC में बदलने का काम इन्वर्टर का होता है। जब तक बैटरी बैकअप देती है तब तक इलेक्ट्रिक उपकरण चालू रहता है। इसलिए UPS की मदद से हमे अपने इलेक्ट्रिक उपकरण को सही तरिके से बंध करने एवं अपने किये हुए कार्य को Save करने का समय मिल जाता है। अगर बिजली की आपूर्ति फिर से चालू हो जाए तो फिर UPS सामान्य स्थिति में काम करना शुरू कर देता है।

UPS के प्रकार (Types of UPS)

UPS सिस्टम के प्रमुख तीन प्रकार होते है जो की स्टैंडबाई यूपीएस / ऑफलाइन, ऑनलाइन डबल रूपांतरण, लाइन-इंटरएक्टिव और (अतिरिक्त और बैटरी बैकअप भी कहा जाता है) हैं।

ऑफ़लाइन / स्थायी निर्बाध विद्युतआपूर्ति (Standby UPS):

ऑफ़लाइन / Standby UPS सबसे बुनियादी UPS माना गया है क्यूंकि यह सर्ज प्रोटेक्शन और बैटरी बैक-अप प्रदान करता है। सामान्य संचालन के दौरान, यह मुख्य बिजली स्रोत (AC Source) से पावर लेता है और इलेक्ट्रिक उपकरण को चालू रखता है। इसके दौरान रेक्टिफिएर की मदद से बैटरी चार्ज होती रहती है । जैसे ही मुख्य बिजली स्रोत विफल हो जाता है तो यह एक Static Switch की मदद से बैटरी के बैकअप से इलेक्ट्रिक उपकरण को चालू रखता है। कंप्यूटर के साथ इस्तेमाल किये जाने वाले UPS Standby UPS ही होते है।

ऑनलाइन / डबल रूपांतरण निर्बाध बिजली की आपूर्ति (Online UPS):

यह UPS स्टैंडबाई UPS से भिन्न होता है क्योंकि इसमें DC / AC इन्वर्टर हमेशा जुड़ा रहता है। जिस से मुख्य बिजली स्रोत और बैटरी के बीच कोई हस्तांतरण समय नहीं होगा मतलब यह UPS स्पाइक्स, सैग, विद्युत शोर और पूर्ण बिजली की विफलता के खिलाफ अधिक सुरक्षा प्रदान करने में Standby UPS के मुकाबले अधिक कारगर है। इसका इस्तेमाल सर्वर, वेब सर्वर इत्यादि को चलाने के लिए किया जाता है।

लाइन-इंटरएक्टिव निर्बाध विद्युत आपूर्ति (Line Interactive UPS):

इस UPS में ऑनलाइन और ऑफलाइन यूपीएस दोनों के गुण होते है। इसमें एक मल्टी-टैप वेरिएबल वोल्टेज ऑटोट्रांसफॉर्मर या हिरन-बूस्टर कनवर्टर का उपयोग किया जाता है जो विद्युत् के प्रभाव को नियंत्रित करता है। इसमें इतनी क्षमता होती है की यह Under-Voltage के लिए Voltage को बढ़ा सकता है और Over-Voltage के लिए Voltage को कम कर सकता है ।

UPS के फायदे एवं नुकसान

अब तक हम यह तो समझ ही गए है की UPS के उपयोग के क्या फायदे है। अभी हमने बात की थी की UPS तीन प्रकार के होते है, निचे दी गई टेबल में हम तीनो प्रकार के UPS के बारे में बात करेंगे की UPS के क्या फायदे है और क्या नुकसान|

UPSलाभहानि
Offline UPS / Stand By UPS-अत्यधिक दक्षता जब तक बैटरी को लगातार उपयोग नहीं किया जाता
-सरल डिजाइन के रूप में महंगा नहीं है
– नियंत्रक डिजाइन सरल है
-सीमित सर्जऔर स्पाइक संरक्षण
-Output पूरी तरह से Reliable नहीं है
Online UPS / Double Conversion UPS-कोई स्विचिंग समय नहीं
– अत्यधिक Reliable होता है
– इलेक्ट्रिक सर्ज, स्पाइक, इलेक्ट्रिकल शोर, पूर्ण Power विफलता से संरक्षण करता है
-जटिल डिजाइन और महंगा होता है
– यह अधिक गर्म होता है
– Overall Efficiency कम होती है क्यूंकि इन्वर्टर हमेशा ON रहता है
Line Interactive UPS– बिजली सर्ज और स्पाइक के लिए उपयुक्त है
– कम बिजली की खपत
– कोई Switching समय नहीं
– Online और Offline UPS की तुलना में बड़ा और भारी होता है
– अगर AC Power Unstable होती है तो बैटरी पावर उपयोग में होती है

UPS और Inverter में क्या अंतर है

दोस्तों इस लेख को पढ़ने के बाद आप इन्वर्टर और UPS से भलीभांति परिचित हो गए होंगे। अब हम बात करेंगे की Inverter और UPS में क्या अंतर है जिनमे निम्नलिखित शामिल है।

  • जब पावर सप्लाई कट लग जाता है तो उस समय के के दौरान, यूपीएस तुरंत मुख्य आपूर्ति से बैटरी पर स्विच करता है जबकि इन्वर्टर में कुछ समय की देरी होती है।
  • आमतौर पर UPS का मुख्य कार्य पावर को स्टोर करना है जबकि इन्वर्टर AC पावर को DC पावर में परिवर्तित करने का काम करता है।
  • UPS को हम सीधे घरेलू उपकरणों के साथ जोड़ सकते है जबकि इन्वर्टर को पहले बैटरी से जोड़ा जाता है और फिर उपकरणों के साथ जोड़ा जाता है।

दोस्तों आज के इस लेख में हमने बात की UPS Full Form In Hindi, UPS क्या है, कितने प्रकार का होता है, कैसे काम करता है , हमे UPS की जरूरत क्यों होती है इत्यादि सवालो के बारे में। मैं आशा करता हु की लेख आपके लिए जानकारी से भरपूर रहा होगा। हम आगे भी ऐसे जानकारी वाले लेख आपके लिए लिखते रहेंगे ताकि आपके ज्ञान में बढ़ोतरी होती रहे। अगर आपके UPS से जुड़े कोई सवाल हो तो आप हम से पूछ सकते है। अगर आपको UPS Full Form In Hindi के बारे में जानकारी अच्छी लगी हो तो इसको अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे, धन्यवाद!

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