SENSEX क्या होता है? SENSEX कैसे बनता है? SENSEX Full Form In Hindi

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क्या आपको पता है की SENSEX क्या है, SENSEX Full Form In Hindi क्या है और SENSEX के घटने या बढ़ने से क्या प्रभाव पड़ते है? अगर नहीं तो आप सही Webpage पर आये है क्यूंकि यहां पर आपको SENSEX के बारे में पूरी जानकारी मिलने वाली है। आए दिन हम जन संचार के विभिन्न माध्यमों जैसे टेलीविजन, रेडियो, समाचार पत्रों आदि में Stock Market से संबंधित खबरें देखते, पढ़ते और सुनते हैं। जब भी कभी Stock Market से संबंधित खबर चल रही होती है तब उसमें एक शब्द प्रमुखता से लिया जाता है। इस शब्द का नाम है “SENSEX” हम अक्सर यह सुनते हैं कि SENSEX इतनी तेजी से बढ़ा, तो कभी SENSEX में इतनी गिरावट आई।

बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें SENSEX का गणित समझ नहीं आता। जिस वजह से Stock Market से संबंधित खबरें आने पर वे या तो चैनल पलट देते हैं या समाचार पत्रों के पृष्ठ बदल देते हैं। लेकिन अब आपको यह सब करने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि आज हम आपको SENSEX Full Form In Hindi तथा SENSEX से जुड़ी प्रमुख बातें बताने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं बिना किसी देरी के:-

SENSEX Full Form In Hindi

सेंसेक्स (SENSEX) दो शब्दों से मिलकर बना है। यह शब्द है SENSITIVE और INDEX यानी कि SENSITIVE + INDEX = SENSEX. हिंदी में Sensitive का मतलब हुआ संवेदनशील और Index का मतलब सूचकांक। तो SENSEX Full Form In Hindi हुआ “संवेदनशील सूचकांक“।

अब सवाल उठता है कि SENSEX को संवेदनशील सूचकांक क्यों कहा जाता है? दरअसल, INDEX या सूचकांक कई वजहों से ऊपर नीचे होता रहता है इसीलिए इसे संवेदनशील कहा जाता है।

SENSEX क्या होता है?

SENSEX एक स्टॉक मार्केट इंडेक्स (Stock Market Index) होता है जिसका काम होता है Stock Market में जितनी भी कंपनियां सूचीबद्ध है, उनके शेयर के भाव को दिखाना। इसका फायदा यह होता है कि हमें स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनी के शेयर के दाम में आने वाली तेज़ी या फिर मंदी के बारे में पता चल जाता है।

SENSEX (संवेदनशील सूचकांक) को आसान भाषा में समझने के लिए एक उदाहरण की मदद ली जा सकती है। मान लीजिए, आप सब्जी मंडी गए हैं जहां आलू के कई विक्रेता मौजूद है। यह देखने के लिए कि किस विक्रेता के आलू की गुणवत्ता अच्छी है, आप उनमें से एक या दो आलू चेक करेंगे ना कि आप विक्रेता के प्रत्येक आलू की जांच करेंगे।

इसी तरह स्टॉक मार्केट में भी होता है। भारत की दो प्रमुख Stock Exchange बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) में कई कंपनियां Listed है। जहां BSE में लिस्टिड कंपनियों की संख्या 5,000 से ज्यादा है। वही NSE में यह संख्या 1600 के करीब है। ऐसे में सभी कंपनियों के शेयर का हाल पता करना काफी मुश्किल काम है इसीलिए आप स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कुछ विशेष Industrial Sector की कंपनियों के Shares में आ रही मंदी या फिर तेजी की जांच करेंगे। यदि इन प्रमुख कंपनियों के शेयर में तेजी आ रही है तो इसका मतलब है कि बाजार तेज है। लेकिन अगर इन कंपनियों के शेयर घट रहे हैं तो इसका मतलब हुआ कि मार्केट में मंदी चल रही है। यदि मंदी या तेजी के मिले-जुले रुझान सामने आते है तो मार्केट का हाल भी यही होगा।

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SENSEX

इस तरह हम कह सकते है कि SENSEX एक ऐसा index है जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनियों के Performance को Track करने का काम करता है।

SENSEX कब बनाया गया?

SENSEX की शुरुआत 1986 में हुई थी। उस दौरान इसे “सेंसेटिव इंडेक्स” (SENSEX Full Form In Hindi) के नाम से जाना जाता था। लेकिन बाद में इसका नाम छोटा कर “सेंसेक्स” कर दिया गया। इसे भारत का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स कहा जाता है।

SENSEX कैसे बनता है?

हमने जाना कि SENSEX क्या होता है?(What Is SENSEX in Hindi?) अब हम जानेंगे कि SENSEX आखिर कैसे बनता है? तथा इसके बनाने की प्रक्रिया क्या होती है? दरअसल SENSEX को बनाने का काम एक स्टॉक एक्सचेंज कमेटी द्वारा किया जाता है। SENSEX Full Form In Hindi

इस कमेटी में अलग-अलग क्षेत्रों के लोग शामिल होते हैं। यह लोग अर्थशास्त्री, सरकार या बैंक जैसे क्षेत्रों के होते हैं। यह सेंसेक्स को बनाने के लिए BSE में Listed 30 कंपनियों के शेयर के भाव की गिनती करते हैं।

आपको बता दे, इन Top 30 कंपनियों का चयन मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के आधार पर किया जाता है। इसके अलावा भी इन कंपनियों के चयन में कई तरह के मापदंडों को दिखा जाता है जो कि निम्नलिखित हैं:-

  • उस कंपनी का चयन किया जाता है जिसके शेयर 1 साल या उससे अधिक समय तक के लिए Stock Exchange में लिस्टेड होते हैं।
  • उन्हीं कंपनियों का चयन किया जाता है जिसके शेयर 1 साल के अंदर हर दिन ट्रेड होते हैं।
  • 1 साल के दौरान जितने दिन शेयर बाजार खुला है उन सभी दिन कंपनी के स्टॉक को खरीदा और बेचा जाना जरूरी होता है।

SENSEX कैसे घटता और बढ़ता है ?

SENSEX कैसे घटता है और बढ़ता है? यह जानने के लिए Top Listed 30 कंपनियों के मूवमेंट में नजर रखा जाता है। यदि इन लिस्टिड कम्पनियों के शेयर के भाव बढ़ जाते हैं, तब सेंसेक्स में भी बढ़ोतरी होती है। उसी तरह कंपनियों के शेयर के मूल्य में कमी आने पर SENSEX भी नीचे आ जाता है। शेयरों का बढ़ना और घटना Share Market में चलता रहता है। SENSEX के घटने और बढ़ने का अनुमान, इन 30 कंपनियों के मौजूदा Share Price और शुरुआती Share Price की तुलना करके लगाया जाता है।

अब सवाल उठता है कि आखिर इन कंपनियों के शेयर में बढ़ोतरी या घटोती क्यों होती है? दरअसल, यदि कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है तथा उससे संबंधित कोई खबर समाचार में हमें देखने को मिलती है। तो उस कंपनी के शेयर बढ़ने लगते हैं। यदि कोई कंपनी दिवालिया हो रही है तथा उसकी कोई गलत खबर न्यूज़ में देखने को आती है तो उस कंपनी के भाव गिरना शुरू हो जाते हैं।

सेंसेक्स के क्या फायदे हैं?

  • SENSEX शेयर मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव पर अपनी नजर रखता है। इससे निवेशक और ट्रेडर को पता चलता है कि उन्हें कब निवेश करना है।
  • जब लोग यह देखते हैं कि कंपनियों के SENSEX ऊपर जा रहे हैं तब वे कम्पनियों में पैसा लगाते हैं जिससे कंपनियां GROW करती हैं। कंपनी के GROW करने से वह EXPAND होती है और इसके लिए उसे ज्यादा लोगों की जरूरत होती है। जिससे वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरियां देते हैं। इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है क्योंकि इससे बेरोजगारी कम होती है।
  • SENSEX के बढ़ने से देश में विदेशी निवेशक अपना पैसा लगाते हैं। विदेशी निवेशक जब भारतीय कंपनियों में पैसा लगाने लग जाते हैं तो भारतीय रुपया, विदेशी मुद्रा के मुकाबले मजबूत हो जाती है और इससे सामान सस्ते होने लगते हैं।

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निष्कर्ष (Conclusions)

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो इससे पहले आपको शेयर बाजार से संबंधित सभी चीजों के बारे में जानकारी होनी जरूरी है क्योंकि शेयर बाजार में निवेश करना काफी जोखिम भरा काम है। लेकिन यदि आपको पूरी जानकारी होगी तब आप शेयर बाजार में अपने पैर जमा पाएंगे। यही वजह है कि आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए हम यह लेख लेकर आए हैं। इस लेख में हमने आपको बताया SENSEX क्या होता है? SENSEX Full Form In Hindi, SENSEX से कैसे तय होता है तथा SENSEX कैसे घटता और बढ़ता है? हमें आशा है आपको संसद के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। अगर आपको हमारा लेख पसंद आया तो इस आर्टिकल को शेयर करें। यदि आपको कोई चीज समझ ना आई हो तो कमेंट सेक्शन में अपने सवाल रखें।

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