FIR Full Form – FIR क्या है? Zero FIR क्या है?

0
351
fir full form

अब से कुछ वर्ष पहले तक हमे किसी भी तरह की FIR करने के लिए पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने पड़ते थे। मगर बदलते समय के साथ हर चीज Online हो चुकी है। अब तो आप अपनी किसी भी तरह की Complaint को घर बैठे Internet की सहायता से Online दर्ज कर सकते है। आज के समय मे भी बहुत ही कम लोगो को Online FIR के बारे मे जानकारी है। क्या आपको पता है की FIR क्या है और FIR Full Form क्या है?

अब आप बिना पुलिस स्टेशन गए ही घर बैठे अपना Online FIR भी दर्ज करवा सकते है। Online FIR दर्ज करने के लिए बस आपको उस प्रदेश जहां आप वर्तमान समय मे रहे है या फिर जिस स्थान पर घटना घटित हुई हो उस प्रदेश की पुलिस की Official Website का पता होना चाहिए। उस पर आपको Visit करना होता है। आज के इस Post मे हम आपसे FIR से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों जैसे कि FIR क्या है, FIR Full Form, Online FIR कैसे करे आदि को साझा करेगे।

FIR Full Form क्या है?

FIR Full Form “First Information Report” है। FIR Full Form In Hindi “प्रथम सूचना रपट” होता है।

FIR क्या होती है?

FIR यानी की First Information Report (FIR Full Form), जब भी कोई Crime होता है तो सबसे पहले पुलिस के द्वारा उसका FIR दर्ज किया जाता है। पुलिस के द्वारा Crime Incident के वक्त पहली Report FIR कहलाती है। FIR किसी भी घटना की Information का पहला Written Documents माना जाता है। इस Report को सर्वप्रथम राज्य के पुलिस के द्वारा लिखा जाता है। इसमे Fraud, Crime, चोरी, भ्रस्टाचार आदी अपराध से संबंधित सभी मामलो को दर्ज किया जाता है।

मै आपकी जानकारी के लिए बताना चाहुंगी कि CRP की धारा 154 के अनुसार हर हाल मे उस Area या State की पुलिस के द्वारा FIR दर्ज करना जरूरी है फिर चाहे वह कोई भी संगीन अपराध हो और उस Particular Area के पुलिस और थाने के तहत आता हो या फिर नही। जब पुलिस के द्वारा किसी भी FIR को दर्ज किया जाता है तो उस FIR को Number और उस Year के Information के साथ लिखा जाता है। अगर किसी व्यक्ति के द्वारा दो थानों में FIR दर्ज करवाई जाती है तो ऐसी स्थिति मे दोनो जगहो का FIR Number अलग अलग होगा। जब पुलिस के द्वारा कोई FIR को दर्ज किया जाता है तो उसके पश्चात पुलिस उस घटना की पुरी तहकीकात करती है कि जो FIR दर्ज करवाई गई है वह सही है या फिर गलत।

अगर FIR को सही पाया जाता है तो पुलिस के द्वारा एक Charge Sheet तैयार किया जाता है। इस Charge Sheet को आरोप पत्र भी कहा जाता है। इसमे FIR मे आरोपी के Against जो भी आरोप लिखवाये गए है उन सभी आरोपो का विवरण दिया रहता है। इसके बाद पुलिस अपने हिसाब से इस Case की छानबीन करती है। उस छानबीन मे अगर आरोपी के ऊपर लगाए सभी दोषी सिद्ध हो जाते है तो तब Charge Sheet तैयार की जाती है। हालांकि इससे पहले आरोपी को भी अपनी सफाई पेश करने का मौका दिया जाता है। आरोपी पक्ष की भी सुनी जाती है, तब ही कोई निर्णय लिया जाता है।

Zero FIR क्या है?

FIR तो आप सब जानते है

क्या आपने कभी Zero FIR के बारे मे सुना है….??

अगर नही सुना तो कोई बात नही है चलिए मैं बताती हूं। Zero FIR के अंतर्गत ऐसे Cases दर्ज होते है जिसमे Victim का Hometown किसी दूसरे प्रदेश में होता है और Victim से संबंधित जो Criminal Matter होता है वह किसी दूसरे प्रदेश में घटित हुआ हो, ऐसे Cases में Zero FIR दर्ज होती है। Zero FIR दर्ज होने के पश्चात पुलिस उस Case के Investigation करती है और उसके बाद संबंधित प्रदेश के पुलिस को अपनी Report भेज देती है। Victim के Hometown प्रदेश की पुलिस Zero FIR लिखने के बाद किसी भी FIR Number को जारी नही करती है।

उदाहरण के तौर पर आप Bollywood के Famous Actor सुशांत सिंह राजपूत के Murder के मामले को ही देख लिजिए। इस Case मे उनके Hometown बिहार मे सर्वप्रथम Zero FIR दर्ज करवाई गई थी। उसके पश्चात ही बिहार पुलिस के द्वारा अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया था। Zero FIR को भी First Information Report मानी जाती है।

Zero FIR नियम कब लागु हुआ

Zero FIR नियम में लागू हुआ था अब आप सब के मन में एक सवाल आ रहा होगा की ऐसा क्या हुआ की इस नियम को शुरू करनी की जरूरत पड़ी। क्योकि क्राइम तो पहले भी होते थे तो अब ऐसा क्या हुआ था तो हम आपको बता दे की इस नियम को निर्भया गैंग रेप के मामले के बाद शुरू किया गया था। क्योकि उस समय सरकार को बढ़ते गंभीर मामलो को लेकर कोई सख्त कदम उठाने की जरूरत थी। तब कमेटी ने कहा की जब भी पुलिस Zero FIR कर्ता है तो वह उस रिपोर्ट पर एक्शन लेने के लिए बाध्य होगा।

किन मामलो में और कैसे करा सकते है FIR दर्ज

क्या आप जानते है की अपराध की भी दो श्रेणियाँ होती है जो निम्नलिखित है –

  1. Cognizable Crime
  2. Non- Cognizable Crime

Cognizable Crime और Non- Cognizable Crime दोनों में ही आप FIR दर्ज करवा सकते है लेकिन दोनों Crimes के लिए FIR दर्ज करने के लिए अपने कुछ नियम है जिनका पालन करके आप दर्ज करवा सकते है। जिसके बारे में निचे विस्तार से बताया गया है –

Cognizable Crime

Cognizable Crime के तहत गंभीर प्रकार के क्राइम आते है जैसे रेप, मर्डर, घोटाला , फायरिंग आदि। Cognizable Crime में पुलिस CRPC की धारा 154 के तहत मामले को दर्ज करती है। इस तरह FIR दर्ज करके मामले की चार्ज शीट तैयार करती है और उसे अदालत के सामने पेश करती है। इतना ही नहीं इस तरह के मामले में शिकायत कर्ता Zero FIR दर्ज करवा सकता है।

Non- Cognizable Crime

Cognizable Crime के तहत वो मामले आते है जो ज्यादा गंभीर नहीं होते जैसे मारपीट, लड़ाई झगड़ा , छोटी मोटी अनबन से जुड़े मामले आते है। इस तरह के मामलो में सीधे FIR दर्ज नहीं की जाती , बल्कि शुरुआती अदालती जांच के बाद ही किसी मामले को मजिस्ट्रेट के सामने रखा जाता है। और यदि मजिस्ट्रेट की आज्ञा होती है तो ही मामले की FIR दर्ज की जाती है। एक बार FIR दर्ज होने के बाद ही पुलिस अपराधी के खिलाफ अदालत में केस दर्ज कर सकता है और तभी कारवाई करता है।

Online FIR कैसे दर्ज किया जाता है?

अभी तक हमने आपको FIR Full Form, FIR और Zero FIR के बारे मे बताया उम्मीद है आप इसे अच्छे से समझ गए होंगे। चलिए अब हम आपको Online FIR कैसे दर्ज कर सकते है इसके बारे मे बताते है। आप इसको Step By Step समझने की कोशिश करना।

Step1: इसके लिए आपको सर्वप्रथम आप जिस क्षेत्र अथवा प्रदेश मे है उसकी पुलिस की जो भी Official Website है। आपको उस पर जाना होगा। उदाहरण के तौर पर अगर आप दिल्ली पुलिस की Official Website पर है तो आप Home Page पर देखेंगे कि आपको किस तरह की FIR को दर्ज करवाना है। आपको Home Page से उस Option का Selection करना है। जैसे की अगर आपकी Bike या फिर Motorcycle चोरी हो गयी हो, घर मे चोरी हो गयी हो या Cyber Crime की शिकायत या फिर किसी के गुमशुदगी की First Information Report (FIR Full Form) आदी।

fir full form
Delhi Police FIR

Step 2: अगर आपका कोई सामान कही गुम हो गया है तो आप Home Page पर बने Lost & Found Options पर Click कीजिये। इसके बाद आपको Lost Article Report और Found Article Report दो Options दिखाई देगे।

Step 3: अगर हमे अपने Lost की FIR दर्ज कर रहे है तो हम Lost Article पर Click करेगे। इसके बाद आगे Register पर Click करेगे। अब एक New Page खुलेगा। जिस पर आपको मांगी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि आपका नाम, पिता का नाम, आपका Address, Registered Mobile Number, उस स्थान की जानकारी जहां से आपका सामान खोया है।, Date और Time को दर्ज करना होगा।

Step 4: इसके बाद अब आपको आगे के Option मे आपका जो सामान खोया है उसे Lost Article के अंतर्गत Update करना होगा। Lost Article List मे जाने के बाद अगर आपको Lost Article List मे आपके खोए हुए सामान का नाम नही दिख रहा है तो आप Others के Option मे जाकर अपने सामान का नाम लिख सकते है।

Step 5: जैसे कि अगर आपका Mobile Phone खो गया है तो उसके लिए आपको Lost Article List मे Mobile Phone को Select करना है। इसके बाद आपको अपने Mobile का IMEI Number, Registered Mobile Number डालना है और फिर Make Option मे Company के नाम को Select करना है और आगे Type Select करना होगा।

Step 6: अगर आपके खोए हुए सामानों की संख्या ज्यादा है तो आपको Add के Option मे Click करना है फिर अपने सामान की सम्पूर्ण जानकारी को दर्ज करना होगा। इसके साथ ही अगर आप पुलिस को अन्य Details भी देना चाहते है तो आपको Details Any Other Details के Options के नीचे बने Box मे लिख सकते है।

Step 7: इसके बाद Captcha Options मे Captcha को Fill कर लीजिये और Submit के Button पर Click कर दिजिए। Submit के Button पर Click करते ही आपको आपके Computer Screen पर Record Saved Successfully का PopUp दिखेगा।

Step 8: जब आपकी Complaint File हो जाती है तो आपको Successfully Massage के साथ एक LR Number प्रदान किया जाता है। यह जरूरी होता है इसलिए आप इस दिए गए LR Number को Save कर ले या फिर Download LR मे जाकर आप LR (Lorry Receipt) Receipt को Download भी कर सकते है।

आप दिए गए Steps को Follow करके बड़ी ही आसानी से कोई भी तरह की FIR Online दर्ज कर सकते है। हां इसके लिए आपको एक User ID की भी आवश्यकता हो सकती है। इसलिए New Register पर जाकर सर्वप्रथम अपना एक User Id बना ले और किसी भी तरह की कोई भी FIR को दर्ज करने से पुर्व LogIn करके उसके बाद ही FIR दर्ज करे।

ये भी जरूर पढ़े:

अपने Online FIR का Status कैसे Check करे?

अगर आपने किसी भी तरह की कोई भी First Information Report (FIR Full Form) दर्ज की है और आप उसका Online FIR Status Check करना चाहते है तो इसके लिए आपको नीचे दिए गए Steps को Follow करना होगा।

Step1: अगर आप अपने द्वारा किए गए FIR का Online FIR Status Check करना चाहते है तो इसके लिए आपको सबसे पहले Home Page मे जाकर View Page के Option पर Click कर देना है और आगे Complaint Status पर Click करना होगा।

Step2: इसके बाद आपको आगे View Complaint Status के Option मे जाना है। वहा दिए गए‌ Option मे सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि अपना Complaint Number, Complaint Name, District और Police Station को Select करना है और आगे इसके बाद Search Option पर Click कर देना है।

Step3: इसके बाद आपके सामने एक New Page खुलेगा। उस New Page पर आपके द्वारा दर्ज की गई Online FIR Status Show करने लगेगा। इस तरह से आप किसी भी Online FIR Complain का Status Check कर सकते है।

अगर पुलिस आपकी FIR को दर्ज ना करे तो ऐसी स्थिति मे क्या करना चाहिए?

अगर किसी भी Area की पुलिस आपकी FIR दर्ज नही करती है या फिर FIR दर्ज करने से मना करती है तो ऐसे स्थिति मे उन अधिकारीयों पर Supreme Court के निर्देशा के अनुसार कड़ी कार्यवाही हो सकती है। इसके साथ ही FIR के दर्ज होने के एक हफ्ते के अंदर अंदर हि पहली Inquiry का पूर्ण होना आवश्यक है। अगर FIR दर्ज नही होता है तो जिस भी व्यक्ति के द्वारा सूचना दिया गया है वह व्यक्ति दिए गए सूचना को Registered Post Office के द्वारा क्षेत्रीय पुलिस आयुक्त को भेज सकते है।

CRPC की धारा 156 (3) के तहत अगर महानगर Magistrate चाहे तो वह इस बात की Complaint दर्ज करने का पुरा अधिकार रखते है। इतना ही नही Magistrate के पास FIR पर फिर से कार्यवाही करने का भी पुरा अधिकार होता है।

पुलिस अधिकारी के द्वारा जब भी कोई FIR दर्ज किया जाता है, उस दौरान किसी भी पुलिस अधिकारी को अपनी किसी भी तरह की टिप्पणी को FIR मे लिखने का अधिकार नही होता है और न ही Main Heading मे दर्शा सकता है। FIR Copy मे पुलिस स्टेशन की Stamp के साथ ही पुलिस अधिकारी के Signature होना बहुत ही आवश्यक होते है। FIR दर्ज होने के बाद पुलिस अधिकारी के द्वारा एक FIR की Copy आपको प्रदान की जाती है।

Frequently Asked Questions ( F.A.Q ) About FIR

Q1. FIR Full Form क्या है?

Ans- FIR Full Form – “First Information Report”
FIR Full Form in Hindi – “प्रथम सूचना रपट”

Q2. Police Helpline Number or National Emergency Number क्या है?

Ans- Police Helpline Number – 100
National Emergency Number – 112

Q3. क्या एक बार FIR दर्ज करवाने के बाद FIR वापिस ले सकते है ?

Ans- FIR दर्ज करवाने के बाद यदि शिकायत करता अपनी FIR वापिस लेना चाहता है तो वो ऐसा कर सकता है।

Q4. FIR के तहत पुलिस किस धारा के तहत मामला दर्ज करती है ?

Ans- FIR के तहत पुलिस Serious Crime में CRPC के तहत धारा 157 के तहत मामला दर्ज करती है और वही यदि Non- Serious Crime हो तो पुलिस धारा 482 के तहत मामला दर्ज करती है।

Final Words

दोस्तों आज की Post में हमने आपको जानकारी दी FIR क्या है FIR Full Form और आप Online FIR कैसे कर सकते है। मै आशा करती हु की आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी और आपको FIR से जुड़े सारे सवालों के जवाब भी मिल गए होगे। आपको हमारा ये Post कैसा लगा हमे जरुर बताएं। साथ ही अगर आपके पास इस विषय से जुड़ी कोई सवाल या जिज्ञासा है तो आप तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते है। ऐसे ही और जानकारी वाले लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहिये।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here