क्या आप जानते हैं कि संगठन या कंपनी के तकनीकी पहलुओं का प्रबंधन कौन करता है? दरअसल, यह काम मुख्य तकनीकी अधिकारी का होता है जो कंपनी और व्यवसाय के सभी तकनीकी पहलुओं का प्रबंधन करता है तथा अच्छी प्रौद्योगिकी के लिए शोध करता है जिससे कंपनी के राजस्व को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा भी तकनीकी अधिकारी की किसी कंपनी या संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि आप तकनीकी अधिकारी से संबंधित जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो इस लेख को पूरा पढ़ें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि CTO Full Form In Hindi क्या होता है? CTO क्या होता है? CTO कैसे बन सकते है। तो आइए शुरू करते हैं:-
CTO Full Form In Hindi
CTO का English Full Form “Chief Technical Officer” होता है और CTO Full Form In Hindi “मुख्य तकनीकी अधिकारी” होता है। हिंदी में इसे “मुख्य प्रौद्योगिकीविद” भी कहा जाता है।
CTO क्या है?
मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO Full Form In Hindi) या Chief Technical Office एक संगठन के भीतर काम करने वाला शख्स है जिसका काम होता है कंपनी की मौजूदा तकनीक की देखरेख करना तथा उससे जुड़ी रणनीतियां तैयार करना। CTO के पास उस संगठन के उद्देश्य की जानकारी और तकनीक से संबंधित ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा एक CTO द्वारा किए जा रहें तकनीकी कार्यों को हम इस तरह समझ सकते हैं कि वह कंपनी का राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से सर्वोत्तम सॉफ्टवेयर या फिर नए Computer खरीद सकता है जिससे उत्पादकता को बढ़ाया जा सके।
एक तकनीकी अधिकारी कंपनी के IT-related Issues की देखरेख करता है। इसके साथ ही वह कंपनी के तकनीकी संसाधनों का विकास, प्रबंधन और मूल्यांकन का कार्य भी करता है। तकनीकी अधिकारी कंपनी की तकनीकी आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए अनुसंधान और विकास (R&D) का कार्यकारी प्रभारी भी होता है। इस तरह हम कह सकते हैं कि एक मुख्य तकनीकी अधिकारी संगठन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए छोटी और बड़ी जरूरतों का ध्यान रखता है। इसके साथ ही यह सभी तरह के कार्यों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) को रिपोर्ट करता है।
CTO के कार्य
- एक मुख्य तकनीकी अधिकारी कंपनी के डाटा की सुरक्षा और उसके रखरखाव का ध्यान रखता है। साथ ही यह कंपनी के प्रबंधन का भी ध्यान रखता है।
- एक CTO ग्राहक और व्यवसाय के बीच संपर्क स्थापित करता है। इसके साथ ही यह IT परियोजनाओं को बाजार में पहुंचाने में मदद करता है।
- नवीनतम तकनीकों की समस्या और निगरानी प्रदान करना।
- किसी भी संगठन के अल्पकालिक और दीर्घकालिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उसके उद्देश्यों को प्राप्त करने में निवेश योजना बनाना।
- कंपनी के लिए राजस्व बढ़ाने की रणनीति तैयार करना।
- तकनीकी टीम का नेतृत्व करना, विशेषज्ञता प्रदान करना, लक्ष्यों का निर्धारण करना तथा टीम के सदस्यों की निगरानी करना।
- सभी तरह के Hardware, Software, Database ,License आदि का रखरखाव और प्रबंधन करना।
- एक CTO का काम होता है CEO वरिष्ठ प्रबंधन तथा बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करना।
CTO के कौशल
वेतन अनुसंधान विशेषज्ञ के मुताबिक एक CTO के कौशलों में Software का ज्ञान, नेतृत्व क्षमता, आईटी प्रबंधन, उत्पाद विकास और परियोजना प्रबंधन में विशेषज्ञता होना जरूरी है। इसके साथ ही CTO को तकनीकी दृष्टि से अनुसंधान और विकास जैसे क्षेत्रों का ज्ञान और उसकी जानकारी रखना जरूरी होता है। इन सब तकनीकी कौशल के अलावा CTO में निम्नलिखित कौशल होने जरूरी हैं:-
- नेतृत्व: CTO में नेतृत्व का कौशल होना चाहिए जिससे कि वे आईटी टीम का नेतृत्व कर सके। CTO को कर्मचारियों को कंपनी के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित करना चाहिए। साथ ही टीम के अन्य सदस्यों को उनकी जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए जिससे वह अपने काम को अच्छे से कर सके। यदि जरूरत पड़े तो CTO को उन्हें सलाह भी देना चाहिए।
- निर्णय लेने की क्षमता: CTO में निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए जिससे कि वह नई तकनीकों को खरीद कर परियोजनाओं को पूरा करें। वे आईटी विभाग के बजट से संबंधित निर्णय लेने का काम भी करता है।
- संचार कौशल: CTO कंपनी के कर्मचारियों को दिशा और मार्गदर्शन देने का काम करता है इसीलिए उसमें संचार कौशल होना चाहिए जिससे स्पष्ट रूप से संगठन के कर्मचारियों के साथ संवाद स्थापित कर सकें।
- प्रबंधन: संगठन के आकार के आधार पर CTO का काम होता है अलग-अलग विभागों का प्रबंधन करना। जिससे यह सभी विभाग आपस में मिलकर काम कर सके।
CTO का इतिहास | History of CTO
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद बड़े निगम की अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई जिसमें वैज्ञानिकों को रखा जाता था। जिससे वे कंपनी के दिन प्रतिदिन के काम के बोझ के बिना अनुसंधान या शोध की सुविधा प्रदान करें। यही वह समय था जब CTO का विचार सामने आया। फिर जाकर 1980 में शोध निदेशकों की भूमिका में बदलाव आया क्योंकि उस दौरान अधिकांश उत्पाद सेवाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास जरूरी था इसीलिए कंपनी को एक ऐसे कार्यकारी की आवश्यकता थी जो कि कंपनी के तकनीकी पक्ष को समझ सके तथा सुधार और विकास को लेकर सलाह दे सके। जिसके बाद 1980 के दशक के अंत तक बड़ी संख्या में कंपनियों को मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के पद के निर्माण के लिए प्रेरित किया।
CTO का वेतन | Salary of CTO
संयुक्त राज्य अमेरिका में CTO का वेतन $130,000 से $195,000 होता है। हालांकि यह वेतन पूरी तरह से कंपनी पर निर्भर करता है। भारत में मुख्य तकनीकी अधिकारी की सालाना सैलरी 2,927,889 लाख रुपए होते हैं। हालांकि यह सैलरी उसके अनुभव और संगठन पर भी निर्भर करती है।
CTO कैसे बने?
कई ऐसे उम्मीदवार है जो CTO or मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO Full Form In Hindi) के रूप में अपने करियर की स्थापना करना चाहते हैं। अगर आप भी उनमें से एक है तो नीचे दिए गए चरणों को पढ़ें:-
- Bachelors Degree: एक CTO बनने के लिए सबसे पहले उम्मीदवार को Computer Science-Related Field में स्नातक की डिग्री हासिल करना जरूरी है।
- Experience: ज्यादातर कंपनियां और संगठन ऐसे CTO का Hire करते हैं जिनके पास पहले Job Experience होता है। इसीलिए CTO को एक्सपीरियंस हासिल करने के लिए अन्य IT से संबंधित areas में नौकरी करनी चाहिए। जिनमें नेटवर्क आर्किटेक्चर, बिग डाटा इंजीनियरिंग, सिक्योरिटी इंजीनियरिंग, वेब सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, इनफॉरमेशन, सिक्योरिटी, मैनेजमेंट आदि शामिल है।
- Masters Degree (Optional): ज्यादातर उम्मीदवार CTO बनने के लिए मास्टर्स की डिग्री हासिल करने का मन बनाते हैं। हालांकि यह पूरी तरह से एक वैकल्पिक चरण है मास्टर की डिग्री हासिल करने से छात्रों के सामने Job की ज्यादा संभावनाएं बढ़ने के साथ ही उनके अंदर कई सारे कौशल भी विकसित होते हैं।
ये भी जरूर पढ़े:
निष्कर्ष (Conclusions): इस लेख में आपने जाना CTO Full Form In Hindi क्या है? CTO क्या है? CTO कैसे बने? उम्मीद है आपको इस लेख से अपेक्षित जानकारी मिल चुकी होगी और आप ये जान गए होंगे की एक CTO कैसे बना जा सकता है। यदि आपको कोई अन्य जानकारी जानना चाहते है तो कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। ऐसे ही और जानकरी वाले लेख पढ़ने के लिए हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहिये।