भारत को एक कृषि प्रधान देश कहा जाता है क्योंकि भारत की अधिकतर जनसंख्या कृषि पर ही निर्भर है। किसान, कृषि के जरिए लोगों तक आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाते हैं। लेकिन आज उसी किसान की स्थिति दयनीय बनी हुई है। हर साल हजारों किसान कर्ज में डूब कर आत्महत्या कर रहे हैं। आजादी के बाद से लेकर अब तक अगर देखा जाए तो किसानों की स्थिति में आमूलचूल ही परिवर्तन आया है। क्या आपको पता है की APMC Full Form क्या है APMC क्या है? समय-समय में सरकार द्वारा किसानों के लिए नई-नई योजनाएं लागू की जाती है जिससे उनकी स्थिति में बदलाव आ सके।
हालांकि, इन योजनाओं के जरिए उनकी स्थिति में कितना बदलाव आता है इससे तो हम सभी वाकिफ है। तो इसी तरह सरकार ने किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए APMC Act की व्यवस्था की। इन समितियों की संकल्पना इसीलिए प्रकाश में आई जिससे किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके। वैसे तो APMC को 1970 के दशक में ही बनाया गया था। लेकिन हाल ही में वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि संशोधन कानूनों की वजह से एक बार फिर एपीएमसी चर्चा में आ गया है। ऐसे में आप में से बहुत से लोग APMC के बारे में जानना चाहते हैं इसलिए आज के इस पोस्ट में हम आपको APMC Full Form क्या है, APMC क्या है, APMC से जुड़ी हर तरह की जानकारियां देंगे।
APMC Full Form क्या है?
APMC Full Form “Agricultural Produce Market Committee” होता है। APMC Full Form In Hindi “ कृषि उपज बाजार समिति” कहते हैं।
APMC Act क्या है?
हमारे देश में किसानों की सबसे बड़ी समस्या है, उपज का सही दाम ना मिलना। यह समस्या आजादी के बाद से अब तक बनी हुई है। समय-समय पर इस दिशा में कई प्रयास भी किए गए। लेकिन अभी तक यह समस्या सुलझ नहीं पाई है। आजादी के बाद, 1970 के दशक में इस समस्या को सुलझाने के लिए एक प्रयास किया गया। दरअसल, उस समय Agricultural Produce Market Committee (APMC Full Form) लाया गया जिसे APMC Act कहा गया।
जब APMC Act लागू किया गया, उसके बाद से ही कृषि क्षेत्र में बाजार व्यवस्था की शुरुआत हुई, जिससे किसानों का शोषण कम हुआ। ज्यादातर राज्यों के अपने-अपने APMC कानून बनाए गए। एपीएमसी के अंतर्गत ऐसी मंडियों की व्यवस्था की गई जहां कृषक अपने उत्पादों को बेच सकते थे। इन मंडियों में किसानों की पैदावार को आढ़तियों द्वारा खरीदा जाता था। आढ़तियों को किसानों की फसलों की फसल की खरीद फरोख्त करने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी होता था जिससे वे इन मंडियों में बैठ सके।
मंडियों में कई आढ़ती किसानों की फसलों को खरीदने के लिए बैठे रहते थे। किसान अपनी फसलों को सिर्फ उन्हें आढ़तियों के पास बेचता था जहां उसे उचित मूल्य मिल सके। यदि मंडी में किसानों के फसलों का भाव कम होता था, तो किसान अपनी फसलों को मंडियों की जगह FCI बेचते थे।
हालांकि, बदलते समय के साथ इस कानून में जरूरी विकास नहीं किए गए।
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APMC की कमियां
जैसा कि हमने आपको बताया आधुनिकरण के साथ APMC Act में संशोधन नहीं हुआ जिस वजह से इसमें कई तरह की कमियां नजर आने लगी है। आइए जानते हैं इसकी प्रमुख कमियां क्या रही।
- एपीएमसी कानून के अंतर्गत राज्य सरकारों द्वारा तय किया जाने वाला चार्ज या फिर सेस किसानों को भरना पड़ता है।
- मंडी में बिकने वाले उत्पादों को आढ़तियों द्वारा खरीदा जाता है। कई बार आढ़ती आपस में मेलजोल करके फसलों का एक दाम फिक्स कर लेते हैं जिससे किसानों के पास अपनी फसलों को बेचने के अलावा कोई चारा नहीं होता था, क्योंकि फसलों के सड़ने की संभावना होती थी जिस वजह से किसानों को अपनी फसलों को औने पौने दामों में बेचना पड़ता था।
- मंडियों में बैठने वाले आढ़ती बिना किसी मेहनत के मालामाल हो जाता था और वही दिनभर अपने खेत में मेहनत करने वाला किसान कम दामों में अपनी फसलों को बेचने में मजबूर हो जाता था। इससे ना तो किसानों को अपनी पैदावारों का उचित मिलता था, ना ही उपभोक्ताओं को इसका कोई लाभ हासिल होता था।
APMC Act 2020 को कब मंजूरी मिली?
APMC Act 2020 को संसद में 5 जून 2020 को पेश किया गया मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही 22 सितंबर 2020 को APMC Act के साथ अन्य 2 कानूनों को पारित किया गया। और 27 सितंबर 2020 को इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी मिली।
APMC Act 2020 क्या है?
कुछ समय पहले केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को लागू किया गया जिसके बाद से ही देश भर में किसानों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया। लोगों के मन में सवाल था कि आखिर वर्तमान में लागू किए गए APMC Act में ऐसा क्या था जिससे किसानों का आंदोलन करना पड़ा था। आइए जानते हैं वर्तमान APMC Act से जुड़े कुछ बिंदुओं के बारे में:-
- नए APMC Act के मुताबिक अब किसान अपनी फसलों को सिर्फ APMC मंडियों में ही बेचने को बाध्य नहीं हैं, बल्कि वे देशभर में कहीं भी अपनी फसलों को बेच सकते हैं।
- इसके साथ ही अब कोई भी व्यापारी सीधे किसानों से उनकी पैदावार को खरीद सकता है। पहले बिचौलिए किसानों से फसलों को खरीदते थे तथा व्यापारियों से सांठगांठ कर उन्हें फसल बेचा करते थे। हालांकि, नए कानून के आ जाने से यह स्थिति खत्म हो जाने की संभावनाएं हैं।
- पहले बिचौलियों या आढ़तियों को किसानों से फसल खरीदने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता था। हालांकि, इस नए कानून के मुताबिक कोई भी व्यापारी या निजी कंपनी बिना किसी लाइसेंस के किसानों से सीधे फसल खरीद पाएगी।
APMC 2020 की विशेषताएं
- APMC Act के ज़रिए किसान किसी भी नए व्यापारी को अपनी फसलों को बेच सकेंगे चाहे व्यापारियों के पास लाइसेंस हो या ना हो।
- इससे खरीददारों की संख्या बढ़ेगी और स्वस्थ प्रतियोगिता से किसानों को अपनी उपज का बेहतर दाम मिल सकेगा।
- एपीएमसी एक्ट के आ जाने से आढ़तियों या बिचौलियों की स्थिति एकदम समाप्त हो जाएगी।
- एपीएमसी एक्ट के अंतर्गत यह प्रावधान है कि यदि किसी किसान को अपने राज्य में फसलों का कम दाम मिलता है तो वह किसी अन्य राज्य में जाकर भी अपनी फसलों को बेच सकता है।
- हालांकि इस कानून से किसानों को काफी ज्यादा आपत्ति है। उनका कहना है कि बिहार में एपीएमसी को कई सालों पहले समाप्त कर दिया गया। लेकिन अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार के किसानों की स्थिति में कोई भी फर्क नहीं आया है।
निष्कर्ष (Conclusions)
दोस्तों इस लेख में आपने जाना APMC Full Form क्या है? APMC क्या है? वर्तमान का APMC Act क्या है? तथा इसके क्या लाभ और विशेषताएं हैं? उम्मीद है आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद एपीएमसी के बारे में सभी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आप कोई अन्य जानकारी जानने को इच्छुक हैं तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।